युनिवर्सल ट्रूथ की तरह कुछ पंक्तियाँ अजर अमर है, जैसे ये शेर "ये इश्क नही आसां इतना समझ लिजिये, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है." जहाँ इश्क इबादत है वहीं कुछ परंपराएं भी हैं.
इन दिनो ग़ज़लों का मौसम है, मन मे उत्साह है. प्रस्तुत है कुछ पंक्तियां जिसे "दास्ताने इश्क दौराने ग़ज़ल" कह सकते हैं.
इन दिनो ग़ज़लों का मौसम है, मन मे उत्साह है. प्रस्तुत है कुछ पंक्तियां जिसे "दास्ताने इश्क दौराने ग़ज़ल" कह सकते हैं.
तोबा ये तकरार की बातें
इश्क मे जित-हार की बातें
हुस्न शोला, है अदा कातिल
इश्क मे हथयार की बातें
जिगर यारों थाम के रखना
इश्क मे इन्कार की बातें
जुबाँ चुप औ' दिल है बेकाबू
इश्क मे इज़हार की बातें
सोना चाँदी ना मोती मूंगा
इश्क मे दिलदार की बातें
वफ़ा वादे दोस्ती कसमे
इश्क मे ऐतबार की बातें
सनम की यादे गमे-जुदाई
इश्क मे इंतजार की बातें
सितमग़र जुल्मी बेवफाई
इश्क मे हैं ख़ार की बातें
लैला मजनूँ फ़रहाद शीरी
इश्क में किरदार की बातें
इश्क मे जित-हार की बातें
हुस्न शोला, है अदा कातिल
इश्क मे हथयार की बातें
जिगर यारों थाम के रखना
इश्क मे इन्कार की बातें
जुबाँ चुप औ' दिल है बेकाबू
इश्क मे इज़हार की बातें
सोना चाँदी ना मोती मूंगा
इश्क मे दिलदार की बातें
वफ़ा वादे दोस्ती कसमे
इश्क मे ऐतबार की बातें
सनम की यादे गमे-जुदाई
इश्क मे इंतजार की बातें
सितमग़र जुल्मी बेवफाई
इश्क मे हैं ख़ार की बातें
लैला मजनूँ फ़रहाद शीरी
इश्क में किरदार की बातें
- सुलभ
23 comments:
वाह-वाह क्या बात है सुलभ जी....शानदार गजल.....
वाह जी, इश्क में सारी बातें हो गई कुछ शादी के बाद भी होगी या नहीं ...
हुस्न शोला, है अदा कातिल
इश्क मे हथयार की बातें
बहुत खूब .. अब तो कर लो प्यार की बातें
बहुत खूब्।
सोना चाँदी ना मोती मूंगा
इश्क मे दिलदार की बातें
वाह , छोटी बह्र में बड़ी ग़ज़ल ।
शानदार ।
वाह-वाह बहुत खूब्।
अच्छी लगी इश्क की ये सारी व्याख्या
सुलभ जी..बहुत बढ़िया ग़ज़ल...प्रस्तुति के लिए बधाई
आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत ही सुन्दर और शानदार ग़ज़ल! बधाई!
हुस्न शोला, है अदा कातिल
इश्क मे हथयार की बातें
वाह ... बहुत खूब
हर शेर कमाल का है....
उम्दा प्रस्तुति ... आभार
लैला मजनूँ फ़रहाद शीरी
इश्क में किरदार की बातें ...
वाह जनाब .. गज़ब की बात कह दी ... इश्क में ही ये सब बातें याद आती हैं ... मज़ा आ गया इस ग़ज़ल में ..... आपको और परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं ...
वाह जी मजा आ गया। क्या कहें आपकी इस रचना के लिए..........
हुस्न शोला, है अदा कातिल
इश्क मे हथयार की बातें
---वाह !क्या बात है !
.........
लैला मजनूँ फ़रहाद शीरी
इश्क में किरदार की बातें ...
बहुत खूब !
सुलभ बाबू,
बढ़िया है!
आनंद! आनंद! आनंद!
आशीष
---
पहला ख़ुमार और फिर उतरा बुखार!!!
ज़ुबां चुप है औ दिल है बेकाबू।
इश्क़ में इज़हार की बातें।
सुन्दर शे'र अच्छी गज़ल्।
ek achhee rachnaa
padhvaane ke liye
shukriyaa ...
aur
ye khoob kahaa aapne ...
"दास्ताने इश्क दौराने ग़ज़ल"
waah-waa !!
एकदम गेय।
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल.
बधाई एवं आभार
इंतज़ार की घड़ियाँ हुईं खत्म...
क्रिएटिव मंच पर रविवार 12 दिसंबर 2010 सुबह 10 बजे
कार्यक्रम- सी.एम.ऑडियो क्विज़- 'सुनें और बताएं'
बहुत अच्छी रचना
बहुत - बहुत शुभकामना
--
बहुत खूब...
माहौल को इश्किया बना दिया....
इश्क पर इस सुन्दर रचना के लिए बधाई।
सुलभ जी, नयी पोस्ट लिखीये अब...
----नव वर्ष २०११ के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं---
बहुत अच्छी रचना
बहुत - बहुत शुभकामना
बहुत ही उम्दा ग़ज़ल.....
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