Pages

हम आपके सहयात्री हैं.

अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्, उदारमनसानां तु वसुधैव कुटुंबकम्

Saturday, July 25, 2009

कारगिल के जवान - कारगिल विजय दिवस



जब भी सुनता हूँ कोई असमय मृत्यु का शिकार हो गया
जब भी सुनता हूँ कोई मुठभेड़ में शहीद हो गया
जब भी सुनता हूँ आतिशबाजियों का घमासान या
जब भी सुनता हूँ किसी जनसंहार का नाम
तब मुझको याद आते हैं कारगिल के जवान.

जब भी देखता हूँ कोई बर्फीली पहाड़े
जब भी देखता हूँ कहीं ऊँची चट्टानें
जब भी देखता हूँ कहीं लहू के निशान
तब मुझको याद आते हैं कारगिल के जवान.

जब भी सुनता हूँ कश्मीर घाटियों का नाम
जब भी सुनता हूँ बोफोर्स, ब्रिगेड, मिराज़ का नाम
जब भी सुनता हूँ कूटनीतिक वार्ताओं का दौर या
जब भी सुनता हूँ किसी घुसपैठिये का नाम
तब मुझको याद आते हैं कारगिल के जवान.

हाँ मुझको याद आते हैं कारगिल के जवान
क्योंकि वो थे सच्चे, हिम्मती, महान
वो थे समर्पित नौजवान
उन वीरों को शत शत प्रणाम
उन वीरों को शत शत प्रणाम...

- कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई 2000.

No comments:

लिंक विदइन

Related Posts with Thumbnails

कुछ और कड़ियाँ

Receive New Post alert in your Email (service by feedburner)


जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "